बसो मोरे नैन में नंदलाला |
मोर मुकुट पीताम्बर सोहे ,
गले बैजयंती माला ,--बसो....
कंकरी मारी मटुकी फोरी ;
दधि माखन की करत चोरी,
ठीठक़ रही ब्रिज बाला ----बसो.....
यमुना में कूद पर्यो ,कालीनाग नाथ्यो;
कुमार अश्विनी को भी तार्यो,
हबकी यशोदा मैया --बसो....
शाम छबि तेरी मन को लुभाये;
रानी राधा कल नहीं पावे,
वारि वारि मोहन लाला--बसो....
'बेला" आरती करत तुम्हारी;
तेरे दरस को हुई बावरी,
कृपा करो बंसीवाला ---बसो....
बेला
११-२-१९९१/११.४५.ए.एम्.
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