"तन के तम्बूरे में दो साँसों के तार बोले ,
जय सिया राम राम जय राधे श्याम श्याम|"
करनी करो तुम ऐसी,भरनी पड़े जो ना ;
पाय लिजो किरतार
मन मंदिर में राम बसाओ
बोलो साँस साँस पे जय सिया राम|
मीरा ने भज लिया,श्याम गोपाल को
और कर गई नैया पार ;
श्याम श्याम रट के ध्रुव जी ने
किना अपना बेडा पार |
नरसिंह महेता को हार पह्नायो
पांचाली को पुरे चीर;
गंगा पार केवट ने उतारा
और खुद कर गयो भव् पार!
ऐसी मेरे राम की माया,
"बेला" ,भज ले राम राम |
बेला ९ १० १९८४
७.१०.पी.एम्.
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