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रंग रसिया



-----मो पे डारो ना रंग पिचकारी 
-----मोरी भीग गई, चोली ओ ' सारी    कन्हैया ,
-----मो पे डारो ना रंग पिचकारी 
-----ना  नाना ना   मो पे। ...... 

-----सखी साहेली सब करत ठिठोरी (२)
-----तू है बड़ा अनारी (२) कन्हैया ,मो पे डारो ना रंग पिचकारी 

-----अब भोले बन बजाओ ना बांसुरी (२)
-----सुध में री  बिसराई 
-----अपने रंग मे रंग दी ऐसी ,
-----दूजा न भाये कोई , कन्हैया , मो पे डारो ना रंग पिचकारी | 

-----बिनती  करौं  हौं  ओ  मनहारी (२) 
-----राख्यो शरण तिहारी 
-----"बेला" की माला मै ने पिरोई 
----- गरे धारो कुंजविहारी , कन्हैया  
-----मो पे डारो ना रंग पिचकारी  | 
                              २४\२\२०२० 
                                   7. २० इ।  एम्। 

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