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लोरी

  


आ जा मेरे लाल, तुझे पलने में सुलाऊं ,
मैना तोता चिड़िया से साज सजाऊँ --आ जा मेरे 
रुनझुनती घूघरियाँ और रेशम की डोर,
पलने में झूले  लल्ला ,नंदकिशोर ---आ जा मेरे 

फूल से पलना सजाऊँ,मीठी मीठी लोरी गाउँ ,
मुंड आँख हरि !तुझे सपनो में ले जाऊँ ;
खेलो चाँद -तारा के संग परिओं  का रथ बुलाऊँ ,
यही सुख की घड़ियाँ  है ,बचपन पे वारि जाऊं ---आ जा में रे 

भोर भये आते आते ,शबनम से बगियाँ  सजाऊँ ,
"बेला" की मदिर खुशबु से ,तेरा पलना मेहकाऊँ ! --आ जा में रे 

आ जा मेंरे लाल, तुझे पलने में सुलाऊँ 
मैना-तोता चिड़िया से साज सजाऊँ | 
                                 फरुआरी \ २०२२ 

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