आंबे माँ गब्बरवाली,सब की माता है प्यारी,
आई है तेरी रात मतवाली |
तेरी सखियाँ हैं काली,दुर्गा ,बहुचर निराली ,
एक है पावगढवाली, दूजी है कटरावाली ----आई है तेरी
ऊँचे परबत पे बैठी , माता किरपावली ,
नवरात सोहे मैया, सोलह सिंगारवाली ----आई है तेरी
तेरी पूजा में रत है , हम सब नरनारी,
कम कम गुलाल और दिये से उतारे है आरती ----आई है तेरी
"बेला"भी आई, ले के अपने फूलों की थाली,
मात जगा दो ज्योति , बिनती करे, आशावाली
आंबे माँ गब्बरवाली, सब की माता है प्यारी,
आई है रात मतवाली
२५\९\२०२२
४. ए। एम.
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