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आनन्द कैसे ?



---------------तुम जानते हों ?
----ये फूल क्यों और कैसे खिले ?
----ये चंद-तारे क्यों और कैसे घूम रहे है ?
----इन्हें देख हमे आनंद क्यों मिलता है ?
------------------क्यों कि---------------
----फूल खिलते है अपने ही आनंद से ,
----और फूल महकते है अपने ही आनंद से |
----ये चंद-तारे गगन में घूम रहे है ;
----अपने ही आनंद में मस्त ! 
----हवा चलती है अपने ही आनंद से |
-----------------और ----------------
----यही तो है ,हमारे  जीवन का आनंद ! 
----ये ही फूल , चंद-तारे ,हवा,
----अपना आनंद हम में भर देते है ,
----तभी तो हम ये सब देख के 
----आनंदित होते है .|


----खुद आनंद बनो ,तो दुनिया भी ;
----आनंदमय हों जायेगी |
----तुम्हारे मुस्कु राने से दुनिया मुस्कुरायेगी |
----शीत मानस कि शीतलता कि लहरी ;
----दुनिया को भी शीतल और सुंदर बनाएगी |
----आनंद ही आनंद को खिचेगा |
                                         १७ फेब. २०१८ \८.१५.पी.एम्. यु.एस.ए .

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