----One fine morning at 4 o,clock a thought came in my mind .i should say question . Why Krishna tells about these Gunas on battle field ? ! He was
----trying to make Arjuna to be ready to fight ! after a while another thought came that ,वे समझाना चाहते थे की ये युद्ध अधर्म के विरुद्ध धर्म का है |और अगर अर्जुन
----अपनी ना समझी में ऐसा सोचता है , की , अपनों को नहीं मारना है ; वो अज्ञान का गुण -अज्ञान के अँधेरे -तमस गुण उस पर हावी हों गया है .उसे इस तमस गुण से दूर रहेना चाइये. पर अर्जुन नहीं जानता ये भाव वो तामस गुण कहलाता है .
----दूसरी बात , वो सोचता है की , अपने वडील , संबंधियो और गुरु को कैसे मारू ? तो, ये माया ,या, राजस् गुण है जो अर्जुन अनजाने में पाल रहा है .इसीलिए शायद कृष्ण पहेले
----गुण क्या होता है ;और वे किस तरह हावी होते है ,समझा रहे है .और बादमे समझाना चाह्ते
है की ,"जो तुम लड़ोगे -धर्म के लिये -और जीतोगे तो सत्व गुण जीतेगा .
---------मुझे लगता है शायद गुणों का ये पिष्ट-पेशण इसी लिये किया गया है ,वरना लड़ाई के मेदान में ये गुणों का समझाने का क्या
अर्थ है ?
१० फेब्रुवरी२०१८ \४.४५ ए.एम्. यु एस. ए .
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