मेरा प्यार है कान्हा से ऐसा,
कालिंदी के जल के जैसा.
बहता ही रहता है ऐसा,
कालिंदी की धारा जैसा.
सूर-संवाद तो बजता ऐसा,
तान टूटे तो बिखरे जैसा.
बादल-बीजली जुड़े ऐसा,
बारिश के साथ टूटे ऐसा.
फूल -फोरम तो बहे ऐसा,
हवा के संग भागे ऐसा.
पर पानी का बन्धन है ऐसा,
ना टूटे,ना बिखरे,बह रहे अमर ऐसा.
"बेला" खुश है पाकर प्रेम ऐसा,
पानी की तरह है अभेद जैसा.
बेला.
२६-२-२०१२ /२.१५ पि.एम्.
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