एक बार अपना कहे दो सनम ,
फना हों जायेंगे उसी पे हम ,
आजमा के देखो मेरी मुहोब्ब्तको
की आखें बिछ्ये बैठे हैं हम |
मेरी दीवानगी पे हस्ते है लोग
तुम्हारे सिवा किसीको नही देखते हम,
मगर तुमने भी जो हँस दिया सनम ,
तो कसम प्यार की मर जायेंगे हम |
मानती हूँ हाले दिल जानते हों तुम
फिर क्यों नजर फिराए हुए हों तुम ?
इतनी तो न कसौटी लो ,
की उसमे जल जाए हम !
(की दुनियाको हँसने क बहाना बने हम !)
बेला
२७-६-१९७५
No comments:
Post a Comment