सुन रि सखी !
-----मोहे श्याम पनघट पे बुलाये ,
-----मटुकी फोरि ,मोरी साड़ी भिगोये ,
-----मोहे लाज बहुत रि आये। ..सुन रि। ..
सुन रि सखी !
-----मोहे श्याम बंसीवट पे बुलाये ,
-----बंसी की तान पे भान भुलावे ,
----मोहे राग-भँवर में फ़साये। ... सुन रि। .....
सुन रि सखी !
-----मोहे श्याम कुञ्ज वन में बुलाये ,
-----झूले पे ऊँचे चढ़ाये ,
-----मोहे "बेला"माल पहनाये
२\५\२०१८ १. ०ए। एम्.
सुन रि सखी !
-----मोहे श्याम लाड-प्यार जतावे ,
-----मेरा तन-मन निसार कराये।
८\५\२०१८ 9. ०.ए। एम्.
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