दिल ये पुकारे ,कान्हा तू आरे ,
बरसों बीते बाट निहारे |---कान्हा तू ...
मधुबन में घुमे थे ,कुंज में खेले थे ,
मयूर मत्त संग संग हम डोले ;
अब कहाँ वो दिन गये सारे !?----कान्हा तू .....
जमना तट पर बंसी बजा कर ,
शरद की रात में रास रमन में
तुझ में हम सब हारे रे कान्हा ----कान्हा तू ....
"बेला" चमेलिया सूख गई है ,
डोर हिंडोल की टूट गई है ;
कहाँ गये ओ मेरे रास दुलारे ? ----कान्हा तू ....
बेला\१७-३-२०१४
२.४०.पी.एम्.
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