मो पे डारोना रंग पिचकारी ,
मोरी भीग गई चोली -सारी ;कन्हैया ..मो पे ...
सखी साहेली सब करत ठीठोरी,
तू है बड़ा अनाडी ,कन्हैया ....मो पे .....
अब भोले बनकर ,बजाओ ना बांसुरी ,
मोर पिच्च धारी ,कन्हैया ..मो पे ...
चैन चुराया सुध बिसराई ,
"बेला" माल बिखराई ,कन्हैया ..मो पे ....
बेला \२४-३-२०१४
१०.२० पी.एम्.
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