ये मेहफिल है धड़कते दिलवालों की ,
ना समज़ना इसे कोई अनजानों की ;
मिलन है प्यार के नग़मे गानेवालों की ,
बसंत हो या होली, दिल से खेलनेवालों की ;
ख़ुशी है मुझे ये मेहफिल पाने की ,
दिल महक उठा, खुश्बू पा के "बेला" की |
४ फेब्रुअरी २०२२
३. ०० पि एम
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