-----ना मैं ज्ञान हूँ ,ना मैं कर्मी हूँ ,ना मैं भक्त हूँ ,
-----मेरे कान्हा ! ना मैं किसी भी तरह योग्य हूँ ;
-----फिर भी तेरा नाम रटते रटते तेरी याचक हूँ |
-----मैं अनिमेष, तुझे , मुझ में देखती हूँ ,
-----तेरी अगिनत कृपा से अनुगृहीत हूँ ;
-----मेरे त्रिविध ताप विनाश की अभिलाषी हूँ ,
-----"बेला" के फूल स्वीकारो , मैं तेरी शरणार्थी हूँ |
२१\४\२०२०
१. ३ ए . एम्
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