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ह्री कृपा




सपने जो , मैंने देखे ,हरि  ! उसे तुम संजोना ,
मधुबन में डाल  पे  हिंडोला, हरि  ! उसे तुम झुलाना | 

झोंके से हर्षित मैं , हरि  ! तुम मुस्कुरा देना ,
ऊँचे  गगन पहुँचा  कर ,हरि ! मुझे उठा लेना | 

तुम्हारे गोलोक में हरि  ! मुझे छोटा सा स्थान देना। 
महकाऊँगी वहाँ  की बगियाँ ,"बेला" के पेड़ लगा देना | 

अनिल संग मैं  गाती  रहूंगी ,हरि ! तेरा गाना ,
कृपा-दृष्टि से ,करुणा हरि ! तुम बरसाते रहना ! | 
                                             २०\१\२०२० 
                                                 ९.. ए। एम् 

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