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कृष्ण -जाप




कृष्ण कृष्ण जपत रहो ,कृष्ण कृष्ण जपत रहो  ,
हर सांस में कृष्ण जपो, हर पलक में कृष्ण जपो | 

मैं  कृष्ण पर वारि ;कृष्ण पे बलिहारी ,
हर  चलन में कृष्ण जपो ,हर डोलन  में कृष्ण जपो ;
रात्रि जपो, दिन में जपो ,और सुबह शाम जपो , 

चिड़िया की चहक जपे, "बेला" की महक जपे ,
सूना है धाम ;  बिना नाम कृष्ण जपे ;

कृष्ण कृष्ण जपत रहो ,कृष्ण कृष्ण जपत रहो 
कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण ,कृष्ण कृष्ण जपत रहो 
                                               २०\१\२०२० 
                                                    ४. ए .एम्

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