----चंद्नका पलना ,रेशमकी डोरी ,
----झूला झुलावे गोकुल की छोरी |
----पीला पीताम्बर ,जरकसी जामा ,
----झूले पे झूल रही मोतियन की माला ,
----मयूर ,पोपट ,और चिड़िया का गाना ,
----नाच रहे सब गोकुल के ग्वाला |
----देख देख रीझे ,मात जशोदा ,
----मधुर लोरी गाये,सखी बृजबाला ;
----पत्ता पत्ता डोले ,झूले हर शाखा ,
----:बेला"भी डोले , ले ले बलैया |
बेला २५ ऑगस्ट २०१६
८.४५. पी.एम् . यु. एस. ए .