चंदना मंगाओ री ,पलना सजाओ री ,
आज मेरे लल्ला को लोरी सुनाओ री |
चन्दन के पलने में रेशम की डोरी ,
गाजी की गद्दी और सोने की टोकरी
लल्ला सोये ,तुम साज बजाओ री |चंदना.......
लल्ला मेरा जाए चन्दा के देस में ,
तारों के संग खेले ;खेले बादलों में
चांदी के रथ को ,कोई सँवारो री |चंदना....
बेला २३-८-१९८४
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