-----समंदर का पानी खारा होता है ,
-----अश्रुओं का पानी खारा होता है;
-----सागर में नहाने से तन साफ़ होता है,
-----अँसुवन के साथ ,मन, दुःख को ढोता है।
-----सागर शरीर पवित्र करता है,
-----आँसू मन का मैल धोता है;
-----कैसे उसूल ,ये प्रवित्रता का है ?
-----जिसे पाने को खाराश मे गोता खाना है ? !
-----प्रभु भजन क्या जूठा है ?
-----जिस से आतम पवित्र होता है;!
-----"बेला" की सौरभ ,धुप का धुँआ ,
-----जो, वातावरण पवित्र करता है।
-----न सागर का, न आँसू का
-----खारापन यहाँ होता है;
-----यहाँ तो बस आनन्द ही आनन्द चारसू होता है ! ! !
बेला ७ मार्च २०१९
३.. ए। एम यु एस ए
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