तेरे बिना नहीं जी सकती मैं ,
कब तक राह तके बैठी रहुँ मैं ?!
जुदाई अब बरदास ना कर सकूं मैं ,
भेज बुलावा की चिट्ठी, सज तैयार हूँ मैं ;
गले लगालो अब तो , थक चुकी हूँ मैं ,
"बेला"हार लिए डगर तकती हूँ मैं |
१९ ऑगस्ट २०१९ \८. ५ पि एम
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