जय शारदे माँ ,जय शारदे माँ ,
अज्ञानता से तू तार दे माँ !
स्वरों की महारानी तू है मैया ,
सुर की किलकारी तू है मैया ;
कृपा कर के मृ दु-स्वर दे दे मैया ,
गाऊं स्तुति तेरी ले ले के बलैया ---जय
लिखुँ गाथा ,तेरी दया से मैं मैया ,
कवित भी सुनाऊँ तुझे शारदे माँ !
तेरी छबि मेरे दिल में उतारू मैं मैया ,
सदा गुणगान तेरा गाउँ मैं मैया ! ----जय
सम्हालना मुझे , यदि भटक जाऊँ ,
डगमगती मैं , कछु लीख ना पाऊँ ;
"बेला" के चमन में तेरा सरवर है ,
धवल कमल ये लहरा रहा है ,
भृंग वीणा गुंजन गुन गुना रहा है ;
ह्रदय मेरा , तेरा नाम जपता रहता है |
१ दिसंबर २०२३ \ ८. ५ ए ऍम