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रंगीन बहार



-----बहारों ने झुक के कहा एक कलि से ,
-----सुनो , ए हसीना,गुलिस्तां में नया निखार आ रहा है |

-----कलि मुस्काई ,भर ली अंगडाई ,कहा, 
-----"मै भी खड़ी हूँ ,उसे लुभाने को;

-----नया सुरूर,नया गुरुर,भुला दूंगी ,
-----आजमा के मेरी मदहोश महक को "|

-----फिर क्या था ?कलि जा गिरी ;
-----बह्हो में निखार के ,भूले दोनों ,
-----दुनिया और गुलिस्ता को |

-----डोली ,हरषाई,"बेला" उन दोनों को ,
-----दिया अभिवादन ,उसने ,रंगीन बहारों को |
                                    बेला ,२९.दिसंबर२०१६ 
                                            २.५०.पी.एम्. यु.एस.ए .

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