दिले बेकरार में क्या ख्याल आ गया है
हँसते हँसते आँखों में पानी आ गया है |
पुरनम आँखों की कसम ,दिल डूबा जा रहा है
चलते चलते कोई हमे लुटा जा रहा है ,
टूटे हुए दिल की हालत ना पूछो ,
मयखाने में भी जाम खाली रहा है |
पिलाते पिलाते जो टूटी सुराही ,
सोचा, मेरे हमदम ,पास आ रहा है
निगाहें जो फेरी ,तो टुकड़े जिगर के
तेरा नाम अब भी रटा जा रहा है |
सब्र कर ले अब तू ,बोल उठी है "बेला",
की तेरा यार तुज पे करम कर रहा है ||
बेला\१०/५/१९८४\१०.०० पी.एम्.
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