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क्यों न बुलाये



---कान्हा रे कान्हा तू ने लाखों  रास रचाये 
---फिर भी तू क्युँ  मुझे न बुलाये ? !

---दिल की लगी को दिखाऊं  कैसे ?
---अंसुवन  धारा रोकूँ  कैसे ?
---तुझ बिन जीवन कैसे बिताऊं ?
---राह मुझे दिखला दे। .....तू क्यों। ..

---आस भी अब तो ,तूट  रही है ,
---जान भी अब तो निकल रही है ;
---तेरी दुनिया कितनी दूर है ,
---पाँव मेरे लड़खड़ाए। ..तू ने क्यों...

---तेरी माला रटते रटते
---जिह्वा  मेरी सुख गई है ;
---"बेला" की बगिया सम्हालू कैसे ?
---एमी रस तू छलका दे। ...तू क्यों। ..

                                          २२.अप्रैल २०१८
                                               ३. ३० पी। एम  यु. एस  ए।

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